मुख्य अनुसंधान एवं विकास क्षेत्र में शामिल हैं
रासायनिक अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास ऊर्जा, राष्ट्रीय सुरक्षा, जल सुरक्षा और पर्यावरण से संबंधित विभागीय अधिदेश के अनुरूप है। परमाणु ईंधन चक्र में आवश्यक सामग्रियों के पृथक्करण, शुद्धिकरण और उत्पादन के लिए प्रक्रिया और प्रौद्योगिकियों के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। परमाणुवादी और सतत प्रतिरूपण एवं अनुकरण, प्रक्रिया गहनीकरण, नवीन और हरित रसायनों का विकास और अपशिष्ट न्यूनीकरण जैसे अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग सभी प्रक्रिया विकासों में किया जाता है ताकि इसे पर्यावरण के अनुकूल और किफायती बनाया जा सके।
विकास प्रयासों में अंतर्निहित मुख्य विशेषताएं आत्मनिर्भरता, बहुत उच्च शुद्धता विनिर्देशों के साथ उत्पाद प्राप्त करना, निम्न पृथक्करण कारक गुणधर्म वाली पृथक्करण प्रक्रियाओं के साथ काम करना, उच्च पुनःप्राप्ति का लक्ष्य, दुर्लभ संसाधनों का इष्टतम उपयोग, पर्यावरणीय सौम्यता, उच्च ऊर्जा दक्षता और स्थिर निरंतर संचालन हैं। CFD प्रतिरूपण, प्रक्रिया अनुकरण, नए संपर्कक का विकास, अति विशिष्ट निष्कर्षक, उत्प्रेरक और झिल्ली का उपयोग प्रक्रिया, उपकरण विकास और गहनता के लिए उपकरण के रूप में किया जा रहा है। बहुचरण स्फुर आसवन और ताप वाष्प संपीड़न के साथ बहुप्रभावी आसवन (MED-TVC) जैसी तकनीकों का उपयोग करके पानी के विलवणन क्षेत्र में परमाणु ऊर्जा के गैर-शक्ति अनुप्रयोग का प्रदर्शन किया गया है। झिल्ली प्रौद्योगिकियों को न केवल परमाणु अपशिष्ट उपचार के लिए बल्कि घरेलू स्तर पर भारत सरकार के जल जीवन मिशन के अनुरूप बड़े पैमाने पर समाज के लिए सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए नियोजित किया गया है।
नवीन अनुसंधान और विकास गतिविधियों में: परमाणु ईंधन चक्र में अनुप्रयोगों के लिए द्रवीकृत संस्तर प्रौद्योगिकी का विकास और प्रदर्शन; नवीन निष्कर्षों का संश्लेषण एवं मूल्यांकन; TBM सामग्रियों का संश्लेषण (लिथियम टाइटेनेट गुटिका का संश्लेषण); विभिन्न घटनाओं के लिए आणविक प्रतिरूपण (जैसे कि विभिन्न धातुओं के माध्यम से हाइड्रोजन और उसके समस्थानिकों का प्रवेश, कार्बन नैनोट्यूब का उपयोग करके विलवणन, काचन के लिए उपयुक्त गुणधर्मों पर कांच के संघटन का प्रभाव, विलायकों और धातु कार्बनिक ढांचे का अभिकल्प); विशिष्ट प्रक्रियाओं की गहनता के लिए सूक्ष्मरिएक्टर का अनुप्रयोग; निम्न तापमान हिम विलवणन प्रक्रिया का विकास; पर्यावरण-अनुकूल एकीकृत शून्य तरल निर्वहन आधारित विलवणन प्रणाली; औद्योगिक अपशिष्टों का उपचार; नई पीढ़ी की झिल्ली (जैसे कि उच्च प्रदर्शन ग्राफीन-आधारित नैनोकम्पोजिट झिल्ली, हेमोडायलिसिस के लिए झिल्ली, फॉरवर्ड परासरण और धात्विक झिल्ली); विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा हाइड्रोजन उत्पादन और भंडारण (विद्युत रासायनिक जल विभाजन, आयोडीन-सल्फर उष्मारासायनिक, कॉपर-क्लोरीन संकर उष्मारासायनिक चक्र); विशिष्ट पृथक्करणों के लिए अधिशोषित जेल सामग्री का विकास; भारी पानी उन्नयन; विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए धातु विलेपन (जैसे कि झिल्ली पारगम्य, न्यूट्रॉन जनित्र और विशेष अनुप्रयोग); द्रवीकृत संस्तर रासायनिक वाष्प निक्षेपण; और पराध्वनि प्रौद्योगिकी (UT) के रासायनिक प्रक्रिया अनुप्रयोग शामिल हैं।
निम्नतापिकी (cryogenics) पर अनुसंधान एवं विकास के तहत, एक प्री-कूल्ड संशोधित क्लाउड चक्र आधारित 50 लीटर/घंटा क्षमता वाला हीलियम द्रावित्र (LHP50) विकसित किया गया है और ट्रॉम्बे में बीएआरसी द्वारा कमीशनन किया गया। LHP50 में शामिल प्रमुख घटक प्रौद्योगिकियों में अति-उच्च स्पीड गैस बेयरिंग आधारित अति सूक्ष्म टर्बोएक्सपैंडर्स और कॉम्पैक्ट प्लेट फिन उष्मा विनिमयक के साथ-साथ निम्नतापिकी (cryogenics) पाइपिंग और दीर्घ-स्टेम वाल्व शामिल हैं जो LHP50 कोल्ड बॉक्स के अंदर रखे गए हैं। अन्य प्रमुख उपकरणों में एक समअक्षीय हीलियम स्थानांतरण लाइन और एक द्रव हीलियम ग्राही पात्र शामिल हैं।