भा.प.अ.कें.द्वारा गामा विकिरण के उपयोग से उत्परिवर्तन (mutations) को प्रेरित करके, उच्च उपज वाली किस्मों के बीज का विकास करता है। गामा विकिरण केवल उत्परिवर्तन को तेज करता है दूसरी शब्दों में जो प्राकृतिक रूप में बहुत लंबे समय तक होता है। अब तक बी.ए.आर.सी. ने वाणिज्यिक दोहन के लिए 49 किस्मों के बीज रिलीज किए हैं। उत्परिवर्तन इस प्रकार हो सकते हैं कि फसलें जल्दी पक जाएं, जैविक (biotic) और अजैविक (abiotic) तनावों का सामना कर बेहतर पोषण गुणवत्ता प्राप्त कर सकें।
मुंबई में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बी.ए.आर.सी.) का विकिरण चिकित्सा केंद्र (आर.एम.सी.) देश में परमाणु चिकित्सा के विकास का केंद्र बन गया है और हर साल बड़ी संख्या में रोगियों की जांच करता है। इसी प्रकार टाटा मेमोरियल सेंटर (टी.एम.सी.), डीएई का एक पूर्ण स्वायत्त सहायता प्राप्त संस्थान, कैंसर और संबंधित बीमारियों के लिए व्यापक उपचार प्रदान करता है और देश के सर्वश्रेष्ठ विकिरण ऑन्कोलॉजी केंद्रों में से एक है। हर साल पूरे भारत और पड़ोसी देशों से लगभग 40,000 नए मरीज क्लीनिकों में आते हैं। इनमें से लगभग 60% कैंसर रोगियों को अस्पताल में प्राथमिक देखभाल प्राप्त होती है, जिनमें से 70% से अधिक का इलाज लगभग बिना किसी शुल्क के किया जाता है। चिकित्सा सलाह, व्यापक देखभाल या अनुवर्ती उपचार के लिए प्रतिदिन 1000 से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं। प्रतिवर्ष लगभग 6300 प्रमुख ऑपरेशन किए जाते हैं और स्थापित उपचार प्रदान करने वाले बहु-विषयक कार्यक्रमों में प्रतिवर्ष 6000 रोगियों का रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से इलाज किया जाता है।