विकिरण और अन्य प्रदूषकों का मापन, जो अक्सर नाभिकीय इकाइयाँ के आसपास 30 किमी तक फैला होता है, पर्यावरणीय मानीटरन कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। नाभिकीय इकाइयाँ से जुड़ी कर्मियों और बड़े पैमाने पर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निरंतर निगरानी के लिए अत्याधुनिक गामा स्पेक्ट्रोमीटर और ट्रिटियम काउंटरों से लैस पर्यावरणीय सर्वेक्षण प्रयोगशालाएं (ई.एस.एल.) स्थापित की गई हैं। इस कार्यक्रम के अन्य उद्देश्यों में पर्यावरण का संरक्षण और परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (ए.ई.आर.बी.) द्वारा निर्धारित विकिरण एक्सपोजर सीमाओं का अनुपालन करना हैं।
नाभिकीय इकाइयों के निर्माण से कई वर्ष पहले पर्यावरणीय मानीटरन शुरू होता है ताकि प्राकृतिक स्रोतों से विकिरण का आकलन किया जा सके और नाभिकीय इकाइयों के प्रचालन होने के बाद भी जारी रहे।
ई. एस. एल. नाभिकीय परीक्षणों (जिसे ग्लोबल हथियार का अवपात कहा जाता है) से पर्यावरण में छोड़े गए Sr-90 और Cs-137 जैसे रेडियोन्यूक्लाइड की सांद्रता के अलावा पर्यावरण में मौजूद प्राकृतिक स्रोतों जैसे यूरेनियम, थोरियम, पोटेशियम (K-40) से रेडियोसक्रियता पर डेटा एकत्र करते हैं। रेडियोसक्रियता की नियमित रूप से निगरानी की जाती है (i) जन समुदाय के द्वारा प्राप्त डोज का अनुमान लगाने के लिए पीने के पानी, हवा और स्थानीय आहार वस्तुओं के नमूने और (ii) खरपतवार, तलछट, मिट्टी, घास आदि के नमूने, जिनमें विशिष्ट रेडियोन्यूक्लाइड जमा करने की प्रवृत्ति होती है। ई.एस.एल. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आवश्यक पेयजल और सीवेज बहिःस्राव की गुणवत्ता की भी निगरानी करते हैं। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है, विभिन्न नाभिकीय इकाइयाँ के आसपास रहने वाली जन समुदाय के लोगों द्वारा प्राप्त औसत विकिरण डोज 1000 माइक्रो-एसवी/वर्ष की ए.ई.आर.बी. सीमा से बहुत कम है और प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त 2400 माइक्रो एसवी/वर्ष की डोज की तुलना में नगण्य है।
सभी ई. एस. एल. पर्यावरणीय मैट्रिक्स में रेडियोसक्रियता के अत्यंत निम्न स्तर का पता लगाने के लिए जटिल नाभिकीय उपकरणों (sophisticated nuclear instruments) से लैस हैं। इन उपकरणों में गामा स्पेक्ट्रोमीटर, ट्रिटियम गणन इकाइयाँ और संपूर्ण काय (whole body) की रेडियोसक्रियता काउंटर शामिल हैं। रेडियोधर्मिता माप करने के अलावा, ई. एस. एल. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आवश्यकताओं के अनुसार पेयजल की गुणवत्ता और सीवेज बहिःस्राव मानीटरन का मूल्यांकन भी करते हैं। प्राप्त आंकड़ों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, ई. एस. एल. नियमित रूप से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आई. ए. ई. ए.) जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों द्वारा संचालित विभिन्न गुणता आश्वासन कार्यक्रमों (quality assurance programmes) में भाग लेते हैं। राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न उपकरणों से संबंधित माप के लिए अंतर-तुलना प्रयोग भी किए जाते हैं।
पिछले कई वर्षों से नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों के आसपास एक्सटेंसिव पर्यावरणीय मानीटरन के अनुभव (जैसा कि नीचे दिए गए चित्र में प्रदर्शित है) से ज्ञात हुआ है कि जन समुदाय के लिए डोज 1000 माइक्रो-एसवी/वर्ष की ए. ई. आर. बी. सीमा से बहुत कम है और प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त डोज की तुलना में नगण्य है जो लगभग 2400 माइक्रो एसवी/वर्ष है। इसे देखते हुए, जन समुदाय के लिए स्वास्थ्य जोखिमों के दृष्टिकोण से चिंता की कोई बात नहीं होती है।.